ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
श्री माहेश्वरी समाज, जयपुर - परिचय : एक दृष्टि
‘माहेश्वरी समाज’ जयपुर शहर के विभिन्न समाजों में अपना विशिष्ट स्थान है | अपनी चहुमुंखी गतिविधियों व कार्यकलापों से चाहे वह सामाजिक क्षेत्र हो या सांस्कृतिक / शैक्षिक जगत अथवा चिकित्सा क्षेत्र, युवा पीढ़ी के मार्गदर्शन व महिलाओं में सामाजिक, आर्थिक चेतना व सक्रीय योगदान का कार्य हो, चाहे सामुदायिक भवन निर्माण कार्य हो या वृद्धाश्रम निर्माण कार्य, समाज सेवा के अपने विभिन्न आयामों से श्री माहेश्वरी समाज, जयपुर न केवल राजस्थान राज्य के ही बल्कि भारतवर्ष के माहेश्वरी एवं अन्य जातीय संगठनो में अपना एक अलग स्थान रखता है |
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि :
समाज के युवकों की मानसिक, शारीरिक व आर्थिक दशा को उन्नतिशील बनाने व समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करने की दृष्टि से पौष शुक्ला 10 सम्वत 1982 को माहेश्वरी समाज, जयपुर का गठन किया गया | माघ शुक्ला 7 (सूर्य सप्तमी) सन 1925 को समाज का विधिवत् उद्घाटन स्व. सेठ श्री गोविन्द नारायण जी सोमानी (बब्बू सेठ) के कर कमलों से विद्याधर के रास्ते में किया गया | साथ ही एक रात्रि पाठशाला 3 माह के लिए स्थापित की गई, इस पाठशाला में बच्चों को पढ़ाने का भार श्री श्याम सुन्दर जी काबरा, श्री बालचंद जी कचोलिया, श्री शिवशंकर जी झंवर ने स्वेच्छा से अपने ऊपर लिया |
तत्पश्चात पुस्तकालय, व्यायामशाला स्थापित की गई | दस्तकारी का कार्य सिखाने की व्यवस्था के साथ – साथ अन्य सेवा कार्य भी किये गये |
किराये के मकान से समाज की गतिविधियों को सुचारू रूप से चलाने हेतु 28 फरवरी, 1944 को सिंधी जी के रास्ते में पुराना बना हुआ मकान ख़रीदा गया | पुर्ननिर्माण हेतु भवन का शिलान्यास स्व. सेठ श्री बद्रीनारायण जी लढ्ढा के कर कमलों से 11 जुलाई 1945 को हुआ | 1946 को हुआ | 1946 में भवन तैयार हो गया | वर्तमान में इस भवन में तीन मंजिल बनी हुई है |
इस भवन के पीछे जमीन व मकान 1968-69 में अनाथालय में से समाज ने ख़रीदा जिसका आर्थिक भार स्व. श्री गणेशनारायण जी अजमेरा ने वहन किया | इस जमीन पर तीन मंजिला भवन बनाकर मुख्य भवन की ‘अनेक्सी’ के रूप में काम में लिया जा रहा है |
शनै-शनै समाज क्रियाशील होता गया सन 1932 में महेश नवमी का पहला उत्सव बड़े उत्साह से मनाया गया | 1948 में महेश भगवान की शोभा – यात्रा प्रथम बार निकाली गई |
समाज कि सामाजिक, सांस्कृतिक, शैक्षिक, चिकित्सा के नये आयाम स्थापित किये गये | वार्षिक उत्सव (सूर्य सप्तमी), होली, - मिलन समारोह, महेश नवमी महोत्सव, दीपावली स्नेह मिलन, गोठ एवं मेला, परिचय सम्मेलन व सामूहिक विवाह आदि आयोजन बड़े उत्साह से आयोजित किये जाते रहे है |
प्रबंधन :
श्री माहेश्वरी समाज, जयपुर का कार्य संचालन समाज सदस्यों द्वारा निर्वाचित कार्यकारिणी द्वारा होता है | समाज का अपना विधान है जिसका सन 1960 में ‘राज. संस्था रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1958’ के अन्तर्गत पंजीयन कराया गया | इसका पंजीयन क्रमांक 60/1960-61 है | विधान के अनुसार कार्यकारिणी समिति सदस्यों में 1 निर्वाचित अध्यक्ष 72 चयनित 8 सहवरित एवं 2 पदेन सदस्य है, जो प्रत्येक तीन वर्ष में चुने जाते है |